CHIDIYA OR USKA KHANA / LORI BOJPURI ME / LORI
चिरैया नन्ही सी जान और उसका खुटे में फसॉ हुआ खाना का वृतांत कैसे वह बड़े लोगों से विनती करती है लेकिन सफलता हाथ नही लगती लेकिन एक छोटी सी चीटी उसकी कैसे मदद करती है लोकगीत के माध्यम से जानते है बात उस समय की है जब सुबह सुबह नन्ही चिरैया खाना चुगने के लिए बहार निकलती है तभी उसको एक मटर का दाना मिलता है ओ बहुत खुश होती है और उसको चोच में दबा के उड़ जाती है रस्ते में उसे कुछ ओरतो को जाते पर अनाज पिसते डी देखती है और उसको उन औरतो की कुछ बाते ससुनाई पड़ती है " जाते में अनाज पिसने से खाने में और भी मिठास आ जाता है फिर चिड़िया रानी सोचती है की क्यों न मै भी मटर के दाने को पिस के खाऊ और अपने बच्चों को लेकर जाऊ जब ओरते वह से चली जाती है तब ये अपना मटर का दाना लेकर जाते के पास पहुचती है लें जाता और एक मटर का दाना में दोनों एक दुसरे के पूरक एक इतना बड़ा और एक इतना छोटा तभी चिड़िया के मुह से दाना गिर जाता है और चोच से सीधे जाते के लकड़ी के खुट में गिर जाता है चिडिया रानी उसक...